Honey Singh life story: गायक हनी सिंह 13 साल की उम्र में बने नास्तिक, स्कूल के प्रिंसिपल ने कह दी थी ये बात
Honey Singh life story: फिल्मी जगत के फेमस गायक यो यो हनी सिंह (Honey Singh) जितना अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में नहीं आते उतना वो अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं और इन दिनों उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में अपनी लाइफ के कुछ छुपे हुए पलों का खुलासा (Honey Singh life story) करते हुए कहा था कि वो महज 13 साल की उम्र में ही नास्तिक बन चुके थे.
बता दें कि फिल्मी इंडस्ट्री के मशहूर गायक यो यो हनी सिंह को कौन नहीं जानता है. वो इतने फेमस सिंगर हैं कि आज उनके चाहने वाले गली-गली में आपको मिलेगें. उन्होंने अपनी मेहनत से जो लोगों के दिलों में अपनी एक जगह बनाई है वो आज भी बरकरार है. जब से हनी ने इंडस्ट्री में वापसी की है तबसे वो आए दिन अपने गानों को लेकर मीडिया में छाए ही रहते हैं. उन्होंने कई एलबम्स निकाले हैं जो खूब हिट रह हैं और इन दिनों भी उन्होंने अपनी एक नई एलब्म निकाली है जिसका नाम है ग्लोरी. वो आजकल अपनी नई एलब्म ग्लोरी के प्रमोंशन में लगे हुए है.
जब वो अपनी नई फिल्म का प्रमोशन कर रहे थे तो उसी दौरान उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कुछ ऐसे खुलासे (Honey Singh life story) किए हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे. इस दौरान हनी कहते हैं कि जब वो 13 साल के थे तो उस दौरान उनके स्कूल के प्रिंसिपल ने उनसे एक बात कह दी थी जिसके कारण से वो नास्तिक बन गए थे. उस वक्त उनके पूरे घर में आध्यात्मता का माहौल फैला हुआ था इसके बावजूद भी वो नास्तिक बन गए थे.
हनी सिंह ने एक बार अपना एक इंटरव्यू मीडिया को देते हुए कहा (Honey Singh life story)था कि किस तरह उनका पूरा परिवार इंडिया आया और फिर जिसके बाद उन्हें स्कूल में दाखिला मिला और फिर कैसे वो नास्तिक बने. जिसके कारण से उनके पर्सनल रिश्ते जैसे पिता के साथ खराब हुए थे.
ऐसे बने थे नास्तिक – हनी सिंह
हनी सिंह बताते हैं कि उन्होंने पंजाबी बाग के एक सिख स्कूल में पढ़ाई की थी.जिसमें वो स्कूल में तबला बजाया करते थे. वो बताते हैं कि उस वक्त वो केश रखा करते थे जिसके दौरान उनके डेडलॉक्स भी बनने लग जाते थे. उन्होंने कहा कि उस दौरान मैं हफ्ते में तीन बार बालों को धुला करता था और बालों को धूलने में बहुत मुश्किल होती थी. फिर भी मैं बालों को धूलता था लेकिन, इसके बावजूद भी डेडलॉक्स बन जाते थे.
एक बार तो ऐसा हुआ कि मम्मी ने डेडलॉक्स को काट दिया था जिसके बाद मेरी जो जूड़ी थी वो छोटी हो गई थी. जिसके बाद मेरे स्कूल में मेरा खूब मजाक उड़ाया गया और मजाक बनने लग गया था. एक बार तो मैं जूड़ी के कारण से बहुत रोया भी था और उस वक्त मैने मम्मी से अपने केशों को काटने के लिए बोल दिया था.
जिसके बाद मम्मी ने भी मेरे केशों को काट दिया था और मैं फिर एक दिन स्कूल के असेंबली में रूमाल बांधकर खड़ा हुआ था. उस वक्त पूरी असेंबली तैयार थी बस इंतजार था तो हमारे स्कूल के प्रिंसिपल का. जब प्रिंसिपल वहां आए और उन्होंने मुझे देखा तो उसी वक्त उन्होंने मेरी तरफ इशारा करते हुए मुझे वहां से जाने को कह दिया जिसके बाद मैं वहां से चला गया.
हनी कहते हैं कि जब मैं नास्तिक बना था तो उस वक्त मैं 12-13 साल का ही था और मैं स्कूल में तबला बजाया करता था उस वक्त मैंने तबला बजाना और दीन धर्म करना सब-कुछ छोड़ दिया था और नास्तिक बन गया था. फिलहाल बता दें कि अब वो नास्तिक नहीं हैं.