London fake doctor case: डॉक्टर बनने की सनक में महिला करती थी बिना डिग्री के इलाज, बताई यह वजह
London fake doctor case: क्रेउएना ज्द्राफकोवा, की उम्र अभी 19 वर्ष ही है. जिनके पास न तो कोई मेडिकल डिग्री है और न ही उन्होंने ऍमबीबीएस की कोई पढ़ाई की है. लेकिन डॉक्टर बनने की चाह में ये गले में स्टेथोस्कोप टांगे और सफेद कोट पहनकर किसी भी अस्पताल में पहुंच जाती हैं. यह खुद को ऐसे दिखाती हैं जैसे वो एक डॉक्टर हो.
फर्जी डॉक्टर और फर्जी पुलिस तो अभी तक आप सब ने केवल फिल्मों में ही देखें होंगे. लेकिन लंदन की 19 वर्ष की लड़की जिनका नाम क्रेउएना ज्द्राफकोवा है. इनके डॉक्टर बनाने की सनक ने तो हद ही पार कर दी. डॉक्टर बनने की चाह में ये बिना किसी मेडिकल डिग्री और ऍमबीबीएस की कोई पढ़ाई के, गले में स्टेथोस्कोप टांग और सफेद कोट पहनकर अस्पतालों में फर्जी डॉक्टर (London fake doctor case) बन घूमती थी और लोगों का इलाज भी करती थी.
सिर्फ इतना ही नहीं ये ऐसे कॉन्फिडेंस के साथ आती थी कि किसी को शक ही नहीं हो पाता था कि ये एक फर्जी डॉक्टर है. लंदन के ही इलिंग हॉस्पिटल में ये जाती थी. मरीजों के बीच में लोगों को निर्देश देती थी. मरीजों और उनके परिवार वाले उन्हें असली डॉक्टर (London fake doctor case) ही समझते थे जिससे कोई उस पर शक नहीं करता था और कई बार मरीज को दवाएं भी दे देती थीं. इलिंग हॉस्पिटल में ये सिलसिला कई महीनों तक चला, लेकिन हैरानी की बात है कि किसी ने नोटिस भी नहीं किया कि वो एक फर्जी डॉक्टर है.
हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा ऐसे पकड़ी गयी लड़की
अनजान लड़की का रोज हॉस्पिटल में आना वहां के स्टॉप को थोड़ा अजीब लगा. धीरे-धीरे उनका शक बढ़ा. बाद में पूछताछ करने पर पता चला कि इतने दिनों से हॉस्पिटल आने वाली महिला आजतक किसी मेडिकल कॉलेज में गई ही नहीं.
पूछ-ताछ पर क्रेउएना ने बताई फर्जी डॉक्टर बनने की वजह
इस पूरे मामले में क्रेउएना के वकील बताते हैं की वो छमा मांगती है. गरीबी की वजह से वो किसी मेडिकल कॉलेज में नहीं जा पायी और ना ही कभी ऐसे कॉलेज में एडमिशन के लिए तैयारी कर पाईं. लेकिन उनका बचपन का सपना था कि वो डॉक्टर बनें. अपने सपने को पूरा के लिए ही वो ऐसा (London fake doctor case) कर रही थीं. इन दलीलों के बाद लड़की को 12 महीने का प्रोबेशन और 15 दिनों के पुनर्वसन की सजा दी गई है. इतना ही नहीं, उसकी हेल्थ ख़राब होने पर या फिर कोई और प्रॉब्लम होने पर ही उसे हॉस्पिटल आने दिया जाये नहीं तो इसे सरकारी अस्पताल में आने पर पाबंदी लगा दी गई है.