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Train Accident Prevented: रेल हादसे को अंजाम देने की साजिश,एक महीने में तीसरी बार मिला रेलवे ट्रेक पर सिलेंडर

Train Accident Prevented: 2024 में देश के कई हिस्सों से ट्रेन दुर्घटना कि ख़बरों ने सबको हैरान कर दिया है. लोगों के मन में ये सवाल बार बार उठता है कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद इतना बड़ा चूक कैसे हो जा रहा है. अब एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर से आ रहा है. कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एक महीने में तीसरी बार सिलेंडर मिलने से लोगों में हड़कंप मच गया है.

पुलिस ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस (Pushpak Express) के लोको पायलट(Loco Pilot) ने रेलवे ट्रैक पर लाल रंग का सिलेंडर पड़ा देखा. जिसके बाद लोको पायलट ने समय रहते ही इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया, इस वजह से एक बड़ा हादसा टल गया. साथ ही पुलिस ने ये भी बताया की ट्रेन सिलेंडर से कुछ ही दूरी पर रुकी थी. बता दें की एक ही महीने में ये कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर रखे जाने का ये तीसरा मामला है. इससे पहले भी ऐसी ट्रेक पर भरा हुआ सिलेंडर मिला था.

ट्रेन मुंबई से लखनऊ के लिए हुयी थी रवाना

ये घटना कानपूर के गोविंदपुरी स्टेशन और भीमसेन स्टेशन के बीच हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ट्रेन मुंबई से लखनऊ जा रही थी और 29 सितंबर की शाम 4.15 बजे गोविंदपुरी स्टेशन के पास होल्डिंग लाइन पर पहुंची थी. तभी लोको पायलट ने पटरी पर फ़ायर सेफ़्टी सिलेंडर (Fire Extinguisher) दिखा. इससे पायलट चौंक गया. पायलट ने बताया कि ट्रेन की रफ्तार धीमी थी, इस वजह से वो इस बड़ी दुर्घटना रोक लिया. इस मामले कि जानकारी कंट्रोल रूम को देने के बाद ड्राइवर सिलेंडर को कानपुर सेंट्रल ले गया. मामले की जांच की जा रही है. इस घटना पर महानिदेशक (ADG) की भी प्रतिक्रिया आई है.

लोको पायलट ने कंट्रोल रूम को पुरे मामले की जानकारी दी. लेकिन मामले पर जांच के बाद में पता चला कि वो फ़ायर सेफ़्टी का ही हिस्सा था. साथ ही ये पता चला कि इस काम के पीछे कोई आपराधिक इरादा नहीं था. इस मामले में कोई बाहरी आपराधिक शामिल नहीं है. फ़ायर सेफ़्टी सिलेंडर रेलवे की ही संपत्ति थी और इसे सेक्शन इंजीनियर (कैरिज एंड वैगन) गोरखपुर ने जारी किया था.

ये गलती से किसी अन्य ट्रेन से गिर गया होगा. इस पुरे मामले पर ADG ने कहा कि मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच जारी है. आपको बता दें, हाल की घटनाओं की वजह से रेलवे के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. इससे पहले भी 9 सितंबर को कानपुर में रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखा गया था, जिससे ट्रेन टकरा गई थी. हालांकि, सिलेंडर फटा नहीं इस लिए कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हई. मामले में जांच के दौरान पास की झाड़ियों में पुलिस को एक सिलेंडर,माचिस,पेट्रोल की बोतल और बारूद जैसी कई विस्फोटक चीजें मिली थीं. इसके बाद, 22 सितंबर को भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी.

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