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Janmashtami in Bangladesh: हिंदू अल्पसंख्यों के खिलाफ हुई हिंसा के बाद आज बांग्लादेश में कैसे मनाई जा रही है जन्माष्टमी, जानिए

Janmashtami in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद और हिंदू अल्पसंख्यों के खिलाफ हुई हिंसा के बाद जन्माष्टमी का महोत्सव हर साल के मुकाबले फीका दिखाई पड़ रहा है. वहीं, हिंसा का शिकार हुए मेहरपुर इस्कॉन मंदिर के पुजारी ने वीडियो के जरिये बताया है कि मंदिर में आगजनी और हिंसा के बाद इस साल जन्माष्टमी का उत्सव नहीं मनाया जाएगा.

भारत समेत दुनियाभर में 26 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी बीच बांग्लादेश में बदली हुई परिस्थितियों के बीच हिंदू समुदाय के लोग श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां तो कर रहे हैं. हालांकि, हिंसा के बाद से देश में असमंजस की स्थिति अभी भी बरकरार है. जिसके कारण बांग्लादेश में जन्माष्टमी (Janmashtami in Bangladesh) का महोत्सव काफी फीका ही नजर आ रहा है.

ढाका समेत देश के कई अलग-अलग इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारी काफी धूम-धाम से चल रही हैं. शाम को 5:00 बजे के बाद मंदिरों में जन्माष्टमी महोत्सव शुरू हो जायगा तो कई हिंदू परिवार घरों में भी जन्माष्टमी मनाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

जन्माष्टमी (Janmashtami in Bangladesh) से पूर्व शाम को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस ने देश को संबोधित किया और बोला कि बांग्लादेश के नागरिकों के साथ धर्म या राजनीतिक विश्वासों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.

बता दें कि बांग्लादेश में 5 अगस्त को तख्तापटल के बाद हिंसक भीड़ ने अल्पसंख्यकों को निशाना बना कर लूटपाट करते हुए कई मंदिरों में आग लगा दी थी. इस घटना के बाद से भारत ने हिंदुओं की सुरक्षा के लिए मुद्दा उठाया था. हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हुई बर्बरता के बाद हिंदुओं ने अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद से उठा लिया था.

ओल्ड शहर इलाके में रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दू पूरी रात जाग कर पहरा देते थे. हिंदुओं की बस्ती के बाहर हिन्दू समुदाय के युवाओं ने हाथों में लाठी-डांडी लेकर अपनी बस्ती की ओर आने वाली सड़कों पर पेट्रोलिंग किया, ताकि बांग्लादेश के दूसरे इलाकों में जो हिंदुओं के घरों और मंदिरों (Janmashtami in Bangladesh) के साथ हुआ वह फिर से न हो सके.

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