DMK सांसद की आलोचना पर लोकसभा में मचा हंगामा..
लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान तीखी नोकझोंक देखी गई. DMK सांसद टीआर बालू ने केंद्र सरकार पर धन के आवंटन में तमिलनाडु के साथ कथित भेदभाव का आरोप लगाया. बालू ने कहा कि केंद्र सरकार साइक्लोंन मिचौंग से प्रभावित तमिलनाडु को पर्याप्त समर्थन देने में विफल रही. इन आरोपों के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दृढ़ता से कहा कि केंद्र सरकार धन के वितरण में कोई भेदभाव नहीं करती है. उन्होंने टीआर बालू का नाम लिए बिना उन पर खास एजेंडे के साथ विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया.
जब डीएमके एमपी टीआर बालू ने चक्रवात से पहले पर्याप्त चेतावनी देने में विफलता के लिए केंद्र की आलोचना की, तो राज्य मंत्री एल मुरुगन ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इसको लेकर बालू, मुरुगन पर भड़क गए. उन्होंने कहा, ‘रोक-टोक मत करो. आप सांसद बनने के लिए अयोग्य हैं आप मंत्री बनने के लिए अयोग्य हैं! बैठ जाओ!’ डीएमके सांसद की यह टिप्पणी कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पसंद नहीं आई उन्होंने टीआर बालू के व्यवहार की आलोचना करते हुए उनसे, एल मुरुगन से माफी मांगने को कहा.
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ‘आप हमारे मंत्री को अयोग्य नहीं कह सकते. अपने शब्द वापस लें. उन्हें रिकॉर्ड से हटा दिया जाना चाहिए’. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी इस विवाद में शामिल हो गए और उन्होंने टीआर बालू को फटकार लगाते हुए कहा, ‘आप उन्हें अयोग्य कैसे कह सकते हैं? DMK सरकार अयोग्य है! कांग्रेस अयोग्य है! आपने एक दलित मंत्री को अयोग्य कहा. आप पूरे एससी समुदाय का अपमान कर रहे हैं’. दोनों पक्षों के सदस्यों की ओर से नारेबाजी होने लगी, जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के सांसदों ने ‘टीआर बालू माफी मांगें’ का नारा लगाया.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा कर्नाटक का मामला उठाने के बाद सोमवार को भी लोकसभा में केंद्रीय धन के आवंटन पर वाकयुद्ध छिड़ गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए धनराशि रोक रहा है, जिस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्रश्नकाल के दौरान सीतारमण ने कहा, ‘यह आशंका कि कुछ राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, एक पॉलिटिकनल नैरेटिव है मुझे खेद के साथ यह कहना पड़ रहा है कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए एक मनगढंत मुद्दा उठा रहे हैं’.उन्होंने कहा कि कोई भी वित्त मंत्री वित्त आयोग की सिफारिशों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता. निर्मला सीतारमण ने कहा, यह संभव ही नहीं है कि कोई वित्त मंत्री कहे कि मुझे यह राज्य पसंद नहीं है, उसका भुगतान रोक दो’.