कांग्रेस के नेतृत्व में बयान बदलने पर प्रणब मुखर्जी और शर्मिष्ठा मुखर्जी को मिल रहीं गालियां..
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और साहित्यकार शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जब से पिताजी के संस्मरणों पर किताब लिखी है, तबसे विवाद हो रहा है। पिता प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। इससे कांग्रेस वाले खफा हैं। कांग्रेस किसी खास आदमी और किसी परिवार से बहुत बड़ी है।
बनारस लिट फेस्ट में रविवार को टॉक ऑन प्रणब के दौरान शर्मिष्ठा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि क्या इंदिरा गांधी कांग्रेस से नहीं थीं?
पिता प्रणब मुखर्जी के इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ भी अच्छे रिश्ते थे। अगर उन्होंने राहुल गांधी को कह दिया कि उनको अभी पॉलिटिकल रूप से मेच्योर होने की जरूरत है तो इसमें गलत क्या है?
जयपुर में मैंने भी कहा था कि कांग्रेस अब गांधी परिवार से अलग हटकर दूसरे नेतृत्व के बारे सोचे। बदलाव जरूरी है। जिसके नेतृत्व में कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, उसे बार-बार मौका देना उचित नहीं है? अब नया नेतृत्व लाना चाहिए। जबसे मैंने यह बात कही, तब से कांग्रेस समर्थक सोशल मीडिया पर गंदी भाषा में कमेंट्स कर रहे हैं।
इसके लिए राहुल गांधी को खुला पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। किसी भी कांग्रेस के नेता ने इस अभद्र कमेंट्स का विरोध नहीं किया। आप बेशक मेरी बात से सहमत न हों, वो आपकी विचारधारा है। लोकतंत्र में अलग-अलग विचार और नेता की आलोचना का अधिकार है। उसी अधिकार से मैं भी राहुल गांधी की लीडरशिप की आलोचना कर रही हूं।
भाजपा नहीं ज्वाइन कर रही, कांग्रेस की विचारधारा मेरे खून में
शर्मिष्ठा ने कहा कि मैं भाजपा नहीं ज्वाइन नहीं कर रही हूं। कोई भी राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं कर रही हूं। मैंने 2021 में राजनीति छोड़ दी है। राजनीति से दूर रहना चाहती हूं। पं. नेहरू, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, वल्लभ भाई पटेल की लोकतांत्रिक कांग्रेस की विचारधारा मेरे परिवार और मेरे खून में है।
बनारस में हुए बदलाव पर बोली…
शर्मिष्ठा ने कहा कि लंबे समय के बाद बनारस आ रही हूं। काफी बदलाव हो गया है। एयरपोर्ट का रास्ता बहुत अच्छा हो गया। बाबा विश्वनाथ का धाम दिव्य-भव्य हो गया है। पहली बार पिताजी को गुस्से में देखा, मेरी लाॅयल्टी सोनिया और मोदी के प्रति नहीं।
शर्मिष्ठा ने कहा कि पिताजी की डायरी में उनके 50 साल के राजनीतिक सफर की घटनाएं थीं। उन्होंने जीवन की सच्चाई लिखी है। पिताजी की डायरी में कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिसे फिलहाल पब्लिक डोमेन में लाने का समय नहीं है।
उन्होंने कहा, मेरी लाॅयल्टी सोनिया गांधी और नरेंद्र मोदी के प्रति नहीं है, मेरे पिता के प्रति है। इसलिए मैंने उसका ध्यान रखा है। 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार एक प्रस्ताव लाई थी, जिसे राहुल गांधी ने मीडिया के सामने फाड़ दिया था। इसपर पहली बार मैंने पिताजी को गुस्सा होते हुए देखा था।