Rahul Gandhi नहीं रहेंगे अब वायनाड से सांसद, क्या होगा राहुल और अखिलेश की जोड़ी का फ्यूचर
Rahul Gandhi नहीं रहेंगे अब वायनाड से सांसद, क्या होगा राहुल और अखिलेश की जोड़ी का फ्यूचर
17 मई, 2024 को सोनिया गांधी ने चुनावी रैली में Rahul Gandhi का हाथ पकड़कर लोगों के सामने ये बात कही ”भाइयों और बहनों, मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं. आपने जैसे मुझे अपना माना, वैसे ही राहुल को अपना मानकर रखना है.”
उसके ठीक एक महीने बाद
17 जून, 2024 को ‘Rahul Gandhi रायबरेली सीट से सांसद रहेंगे और वायनाड सीट छोड़ देंगे. उनकी स्थान पर वायनाड से प्रियंका गांधी उम्मीदवार रहेंगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की ओर से ये औपचारिक ऐलान किया. प्रियंका गांधी चुनावी राजनीति में कब उतरेंगी, खड़गे के बयान से सालों पुराने इस सवाल का जवाब आखिर मिल ही गया. वहीं, Rahul Gandhi को दक्षिण से हटाकर पूर्व भेजने के फैसले से कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में Rahul Gandhi ही पार्टी का मुख्य चेहरा रहेंगे। वे UP समेत उत्तर भारत में कांग्रेस को मजबूत करने का काम करेंगे.
Rahul Gandhi को रायबरेली से सांसद बनने को एक्सपर्ट्स कैसे देखते हैं, क्या वायनाड की जगह रायबरेली में Rahul Gandhi का असर ज्यादा होगा, अब तक नॉर्थ में ज्यादा एक्टिव रहने वाली प्रियंका क्या साउथ में भी प्रभाव छोड़ पाएंगी, यूपी में राहुल-अखिलेश की जोड़ी का फ्यूचर क्या है.
कांग्रेस का प्रियंका पर पहला दाव फेल हुआ, अब वायनाड से लड़ेंगी चुनाव
2019 = प्रियंका गाँधी को कांग्रेस का महासचिव बनाया गया
2020 = विधानसभा चुनाव से पहले यूपी की कमान सौपी गई
2022 = प्रियंका ने ”लड़की हूँ लड़ सकती हूँ ” के नारे के साथ 40 प्रतिशत महिला कैंडिडेट्स को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया
= प्रियंका का पहला दाव फेल रहा, कांग्रेस यूपी की 403 सीटों में से महज 2 सीट पर सिमट गई
2024 = कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐलान किया, प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी
रायबरेली से 10 बार जीती कांग्रेस
रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है. 1971 ー 1980 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से जीत हासिल की, इसके बाद साल 1989 और 1991 में शीला कौल ने कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली से जीत हासिल की.1999 में कांग्रेस के टिकट पर कैप्टन सतीश शर्मा रायबरेली से सांसद बने. इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में सोनिया गांधी यहां से लगातार तीन बार जीती हैं. अब 2024 में Rahul Gandhi यहां से सांसद चुने गए हैं.
कांग्रेस का दबदबा होने के बावजूद पार्टी को रायबरेली में 3 बार हार का भी सामना करना पड़ा। 1977 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी को भारतीय लोकदल के नेता राजनारायण ने हराया था. 1996 में कांग्रेस के विक्रम कौल और 1998 में दीपा कौल चुनाव हारी थीं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी राज्यसभा चली गईं. उन्होंने रायबरेली की जनता को लेटर लिखा. सोनिया गांधी ने इसके आखिर में लिखा- ‘मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे, जैसे अब तक संभालते आए हैं.’
प्रियंका को रायबरेली से वायनाड क्यों भेजा
केरल में चुनावी यात्रा का एक किस्सा बताते हुए भवेश इस सवाल का जवाब देते हैं. वे कहते हैं, ‘मुझे केरल में एक क्रिश्चियन ड्राइवर मिला. उसने बताया कि वायनाड ऐसी सीट है, जहां कांग्रेस सामान्य कार्यकर्ता को भी खड़ा कर दे, तो वो आसानी से चुनाव जीत जाएगाम. फिर, प्रियंका तो Rahul Gandhi की बहन हैं. दोनों में कोई अंतर नहीं है, इसलिए प्रियंका को वायनाड में परेशानी नहीं होगी.’
‘Rahul Gandhi अमेठी सीट से हारे और वायनाड के सांसद बने, तभी से वहां के लोगों के साथ दिल्ली में रह कर रायबरेली जैसा पेश आया जा रहा था. वायनाड के लोगों को केंद्र और पार्टी स्तर पर हर संभव मदद दिलवाई गई. इसलिए मैं मानता हूं प्रियंका नॉर्थ की तरह साउथ में भी कामयाब होंगी.’
Rahul Gandhi की जीत से UP में फिर से जिंदा होगी कांग्रेस
रायबरेली के सीनियर जर्नलिस्ट गौरव अवस्थी मानते हैं कि Rahul Gandhi की जीत UP में कांग्रेस को दोबारा जिंदा करने में अहम साबित होगी. वो कहते हैं, ”जिस दिन सोनिया ने रायबरेली आकर Rahul Gandhi के लिए जनता का समर्थन मांगा था, उसी दिन फैसला हो गया था कि Rahul Gandhi इस सीट पर जीतेंगे है.’
गौरव कहते हैं, ‘बेशक प्रियंका ने लोकसभा चुनाव में रायबरेली से लेकर अमेठी तक सभी विधानसभाओं को खूब मथा, लेकिन कांग्रेस Rahul Gandhi की पॉलिटिकल एक्टिवनेस को जानती थी. बीते डेढ़ साल से राहुल भारत जोड़ो यात्रा और राजनीतिक मंचों पर पहले से कहीं ज्यादा मेच्योर नजर आए हैं.’
‘कांग्रेस इस बदलाव को जाया नहीं जाने देना चाहती थी. लिहाजा, पार्टी ने UP में अपना 40 साल का वनवास तोड़ने के लिए Rahul Gandhi को रायबरेली से उतारा.’ गौरव के मुताबिक, ‘कांग्रेस का Rahul Gandhi को रायबरेली से सांसद बनाए रखना उसकी दूरदर्शी सोच को दिखाता है. UP में Rahul Gandhi और अखिलेश ने मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया और BJP के दिग्गज नेताओं को हराया.’