Patna High Court: पटना हाईकोर्ट से नीतीश कुमार(Nitish Kumar) को बहुत बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने Nitish Kumar का फैसला रद्द कर दिया है जिसमे जातीय गणना के बाद आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का फैसला लिया गया था। Nitish Kumar ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया था जिसे आज पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।
बता दें. जातिगत जनगणना के बाद नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का फैसला किया था। जिसमे शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में SC-ST, EBC और अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण देने जैसे फैसले थे। जिसे गौरव कुमार समेत अन्य लोगों से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
दरअसल राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने यह आरक्षण इन वर्गों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने के चलते दिया था। तो वहीं याचिकाकर्ता गौरव कुमार और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई 11 मार्च, 2024 को पूरी हुई थी। जिसके बाद आज 20 जून को फैसला सुनाया गया है।
क्या है नीतीश कुमार का आरक्षण का कोटा जिसे 50 से 65 फीसदी बढ़ाया गया
दरअसल नीतीश कुमार की पुरानी कैबिनेट ने जातिगत सर्वेक्षण के आधार पर कोटा बढ़ाने को लेकर 7 नवंबर 2023 को विधानसभा में विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में OBC आरक्षण को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत, EBC का कोटा 18 फीसदी की जगह 25 फीसदी, SC का आरक्षण 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और ST का आरक्षण 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया था।
विधानसभा से यह विधेयक 9 नवंबर 2023 को पास कर दिया गया था। जबकि 21 नवंबर को राज्यपाल की मंजूरी के बाद इस विधेयक ने कानून का रूप ले लिया और ये पूरे राज्य में लागू भी हो गया था। हालांकि आज 20 जून को इसे पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर