Kota Suicide Cases : कोटा में हो रही छात्रों की आत्महत्याओं पर सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश, 90 मनोवैज्ञानिक हुए नियुक्त
Kota Suicide Cases: सोमवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने यह कहा कि छात्रों कि आत्महत्याओं को सरकार ने रोकने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं. दरअसल, करीब 1.2 प्रतिशत जो आत्महत्या की घटनाएं होती हैं वह परीक्षा में विफलता मिलने कि वजह से होती हैं. वहीं राजस्थान में मौजूद कोटा के कोचिंग सेंटरों के छात्र-छात्राओं की आत्महत्या (Kota Suicide Cases) के बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो इस पर उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा इस संबंध में बहुत से कदम उठाए गए हैं.
सरकार की ‘मनोदर्पण’ पहल
सुकांत मजूमदार ने आगे कहा कि छात्रों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मनोवैज्ञानिक सहायता देने के लिए ‘मनोदर्पण’ पहल शुरू कर दी है. वहीं दूसरी ओर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए राजस्थान कि सरकार ने भी बहुत से कदम उठाए हैं. आपको बतादें कि 2022-2023 में राज्य सरकार ने एक दिशा निर्देश जारी किया है, जिसको जिला प्रशासन के द्वारा लागू किया गया है. उन्होंने इसमें 90 मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं को नियुक्त कर दिया है. इसके अलावा छात्रों (Kota Suicide Cases) की मदद करने के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि इसे पहचानने के लिए 10 हजार छात्रावास द्वारपालों को प्रशिक्षित किया गया है कि आखिर किसी छात्र को क्या मानसिक स्वास्थ्य से संबंधी किसी भी तरह कि सहायता की जरुरत है. एक दूसरी पहल के अंतर्गत जिला प्रशासन के अधिकारियों से छात्रों को मिलने के लिए आमंत्रित किया जाता है.