Income Tax का सामने आया अजीबोगरीब मामला! सिर्फ ₹1 के विवाद को सुलझाने के लिए शख्स ने चूका दिए 50 हजार
Income Tax का सामने आया अजीबोगरीब मामला! सिर्फ ₹1 के विवाद को सुलझाने के लिए शख्स ने चूका दिए 50 हजार
Income Tax: सोशल मीडिया पर हाल ही में एक चौंका देने वाला दावा दिल्ली के अपूर्व जैन ने किया है. उन्होंने यह बताया कि जिस Tax विवाद को सुलझाने के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट को ₹50,000 का उन्होंने भुगतान किया दरअसल, वह विवाद केवल 1 रुपये के लिए ही था.
देश में ज्यादातर Income Tax से जुड़े जितने भी मुद्दे होते हैं उन्हें समझना लोगों के लिए काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. बहुत बार तो ऐसा हो जाता है कि विवाद इतना ज्यादा जटिल हो जाता है कि उनको समझना और उनका हल निकलने के लिए लोगों को किसी CA या फिर किसी फाइनेंस प्रोफेशनल की मदद लेने की आव्यशकता हो जाती है. इसके अलावा बहुत बार Tax विवाद की राशि से ज्यादा पैसा इनको समझने व इनको सुलझाने पर खर्च हो जाता है.
आपको बतादें कि अपूर्व जैन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. सोशल मीडिया पर उन्होंने बताया कि जिस Income Tax विवाद को सुलझाने के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट को ₹50,000 का उन्होंने भुगतान किया दरअसल, वह विवाद केवल 1 रुपये के लिए ही था.
अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए जैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगो को इन सब के बारे में बताने के लिए लिखा. ‘मैं मजाक नहीं कर रहा हूं, 1 रुपये के लिए ये सब हुआ है.’
Paid 50000/- fee to CA for a IT notice I received recently wherein the final disputed value turned out to be Re 1/-.
I am not joking. ????— Apoorv Jain (@apoorvjain_1988) July 8, 2024
भारत में हुई यह घटना Income Tax सिस्टम की क्या कम्प्लैक्सिटी है उसे दर्शाती है. जिधर एक मामुली मुद्दों को लेकर अच्छा खासा पैसा लोगों को लगाना पड़ता है. बतादें कि अपूर्व जैन के मामले पर सोशल मीडिया पर मिक्स्ड रिएक्शन सामने आए हैं. जहां Income Tax डिपार्टमेंट की अक्षमता पर कुछ यूजर्स ने अविश्वास जाहिर करा है. वहीं दूसरी ओर बहुत से यूजर्स CA के फीस स्ट्रक्चर को लेकर सवाल उठाए हैं.
आपको बतादें कि इन सब के बीच, सभी करदाताओं को आयकर विभाग ने बहुत ही कठोर सलाह जारी करी है, जहां उन्होंने कटौती व छूट के लिए उन्हें झूठे दावों के साथ ही आयकर रिटर्न को दाखिल करने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है. इसके लिए अब जेल के साथ ही पर्याप्त जुर्माना हो सकता है.