Giriraj Singh का ममता सरकार पर वार ,क्या हिंदुओं को पश्चिम बंगाल खाली करना पड़ेगा?
बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती हुई मुस्लिम आबादी को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है. Giriraj Singh ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती हुई मुस्लिम आबादी को लेकर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी नेता Giriraj Singh ने डायरेक्ट एक्शन डे को याद दिलाते हुए बंगाल के हिंदुओं को संगठित होने को कहा है. Giriraj Singh ने कहा कि आज पश्चिम बंगाल में हिंदू अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं.
बता दे की इससे पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर यह पोस्ट किया है कि झारखंड के संथाल परगना, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण मुस्लिम आबादी को इतनी बढ़ चुकी है की हिंदुओं के गांव के खाली हो रहे हैं.
Giriraj Singh ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 1946 में ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ के दिन जिन्ना के अनुयायी सोहराबर्दी ने बंगाल के लगभग 30,000 हिंदुओं का नरसंहार किया था. उस समय गोपाल पाठा ने हिंदुओं को एकजुट किया और नरसंहार को रोकने की एक बड़ी कोशिश की थी ।Giriraj Singh का कहना है कि और आज फिर बंगाल में गोपाल पाठा जैसे लोग खड़े नहीं होंगे तो हिंदुओं को पश्चिम बंगाल खाली करना पड़ेगा। दरअसल आज भी पश्चिम बंगाल में हिंदू अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं.
जिन्ना के अनुयायी सोहराबर्दी ने 1946 में “डायरेक्शन एक्शन डे” पर बंगाल में लगभग 30,000 हिंदुओं का नरसंहार किया था।
गोपाल पाठा ने हिंदुओं को संगठित किया और नरसंहार को रोकने की कोशिश की।
अगर आज बंगाल में गोपाल पाठा जैसे लोग नहीं खड़े होंगे तो हिंदुओं को पश्चिम बंगाल खाली करना…— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 27, 2024
सदन में भी उठा था ये मुद्दा
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा के शून्यकाल में इस मुद्दे को भी उठाया था .उन्होंने कहा था मैं इस बात को ऑन रिकॉर्ड रहा हूं कि हिन्दुओं के गांव के गांव खाली हो रहे हैं. साथ ही यह भी दावा किया है कि अगर मेरी कही से भी बात गलत साबित होती है तो मैं अपना इस्तीफा देने को भी तैयार हूं. उन्होंने आगे कहा, ‘बंगाल से आए लोगों ने झारखंड के लोगों पर बहुत से जुल्म किये है और पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई तक नहीं की गई.
उन्होंने झारखंड के संथाल परगना, के साथ पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद और बिहार के अररिया, किशनगंज और कटिहार आदि सभी को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग के साथ ही यहां एनआरसी लागू करने की भी मांग की थी.