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कथा वाचिका शाकाम्भरी तिवारी ने व्यक्ति के पांचो इंद्रियों का वर्णन किया….

हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर माघ मेला लगता है और इस दिन साधु-संत समेत सभी आमजन त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं। माघ मेला मे चल रही राम कथा के 7 वे दिन शुक्रवार को कथा वाचिका शाकाम्भरी तिवारी ने व्यक्ति के पांचो इंद्रियों का वर्णन किया।

प्रयागराज में गंगा,यमुना,और सरस्वती नदी का संगम है जिसे त्रिवेणी कहा जाता है। पद्म पुराण के मुताबिक, माघ मेले का स्नान संगम तट पर करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ मेला मे चल रही राम कथा के 7 वे दिन शुक्रवार को कथा वाचिका शाकाम्भरी तिवारी ने व्यक्ति के पांचो इंद्रियों का वर्णन किया।

उन्होंने बताया कि व्यक्ति को ईश्वर ने जिस लिए बनाया है वह उन अंगों का सदुपयोग नहीं कर पाता है। जिन आंखों को ईश्वर ने अच्छा देखने के लिए बनाया है मनुष्य उसका दुरुपयोग करता है। तो वहीं मर्यादा पुरषोत्तम राम को लक्ष्मण की कथा सुनकर श्रद्धालुओं के आंखो में आंसू आ गए।

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