किसान आंदोलन को लेकर 16 फरवरी को भारत बंद का किया गया ऐलान..
पंजाब और हरियाणा के 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच की पूरी तैयारी कर ली है। पंजाब में बड़ी संख्या में किसान हरियाणा बॉर्डर पर जमा होना शुरू हो गए हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन उगराहां गुट के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने 16 फरवरी को भारत बंद का एलान किया है। उन्होंने सभी किसान संगठनों व कारोबारियों से इसे सफल बनाने की अपील की है। वहीं, हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगती सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
15 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इस बीच, 12 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में अहम बैठक होगी। दूसरे दौर की यह बैठक चंडीगढ़ में शाम पांच बजे सेक्टर-26 के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी।
बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अलग-अलग किसान संगठनों के 10 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इससे पहले आठ फरवरी को किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की एक दौर की बैठक हो चुकी है, जिसमें कुछ मांगें मानी गई थीं लेकिन एमएसपी को कानून बनाने समेत कुछ मांगों पर सहमति नहीं बन पाई थी।
कंटीले तार लगाकर इंडिया व पंजाब का बार्डर न बनाओः मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह किसानों की जायज मांगों को स्वीकार कर लें। उन्होंने किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए रास्तों पर कीलें और कंटीले तार लगाने पर दुख जताते हुए रविवार को ट्वीट किया- ‘बड़े-बड़े कील और कंटीले तार लगाकर आप इंडिया और पंजाब का बार्डर न बनाओ…।’ मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘मेरी केंद्र सरकार से विनती है कि किसानों के साथ बैठकर बात कर लें… उनकी जायज मांगों को मान लें. पंजाब का किसान देश का पेट भरता है… हमारे साथ इतनी नफरत न करों… बड़े-बड़े कील और कंटीले तार लगाकर आप इंडिया और पंजाब का बार्डर न बनाओ.
दिल्ली कूच में किसानों का साथ देंगे खरगे
समराला में कांग्रेस की रैली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह दिल्ली कूच में किसानों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में मोदी सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। 2024 में हमारी सरकार बनेगी तो तीनों कृषि कानून रद्द होंगे। मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म करना चाहती है लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है।