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आखिर क्यों असदुद्दीन ओवैसी के शपथ ग्रहण पर भड़के भाजपा सांसद ?

आखिर क्यों असदुद्दीन ओवैसी के शपथ ग्रहण पर भड़के भाजपा सांसद ?

Asaduddin Owaisi: शपत ग्रहण के दौरान ” जय फिलिस्तीन ” के नारे लगाने पर असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) के खिलाफ शिकायत दर्ज। राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू(Draupati Murmu) से की गयी शिकायत में कहा गया की विदेशी राज्य ”फिलिस्तीन” के प्रति अपनी निष्ठां दिखाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी को अनुच्छेद 102 [4 ] के तहत आयोग्य ठहराया जाना चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में ऐडवोकेट हरिशंकर जैन ने भी राष्ट्रियपति द्रौपती मुर्मू से असदुद्दीन ओवैसी की शिकायत में उनको अयोग्य ठहराने की मांग की।

असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में क्या बोला था ?

सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान सांसदों ने अलग अलग नारे लगाए। राहुल गांधी ने जय हिन्द और जय संविधान का नारा लगाया तो वहीं बरेली से भाजपा सांसद छत्रसाल गंगवार ने हिन्दू राष्ट्र की जय का नारा लगाया। हेमामालिनी ने शपथ की शुरुआत राधेー राधे से की हालांकि प्रोटेम स्पीकर भतृहरी महताब ने कहा की शपथ के अलावा कोई भी बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी तो वहीं हैदराबाद के AIMIM के सांसद ने जय फिलिस्तीन के लगाए नारे।

18वीं लोकसभा के पहले ही सत्र के दूसरे दिन AIMIM प्रमुख और संसद असुद्दीन ओवैसी ने शपथ ग्रहण के बाद जय फिलिस्तीन का नारा लगाया। शपथ के बाद उन्होंने सबसे पहले जय भीम बोले इसके बाद जय मीम, जय तेलंगाना और जय फिलिस्तीन का नारा लगाया। बता दें, ओवैसी ने 5वीं बार लोकसभा के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि ” मैं भारत के हाशिये पर खड़े लोगो के मुद्दों को ईमानदारी से उठाता रहूँगा, लेकिन फिलिस्तीन को लगाए गए नारे को लेकर कहीं न कहीं सियासत गरमा गयी है।

भाजपा सांसद के कई मंत्रियों ने इसका कड़ा विरोध जताते हुए इस नारे को गलत ठहराया। ओवैसी के द्वारा दिए गए नारे पर सत्ता पक्ष ने ज़ोरदार हंगामा किया। यह देख सभापति ने ओवैसी के नारे को रिकॉर्ड से है हटा दिया। उस समय सभापति राधा मोहन सिंह ने सदस्यों को यह आश्वासन दिया था की शपथ के आलावा कोई भी बात रिकॉर्ड नहीं की जाएगी।

उसके कुछ देर बाद ही प्रोटेम स्पीकर भतृहरी महताब कुर्सी पर लौटते है उन्होंने कहा की केवल शपथ और प्रतिज्ञान है रिकॉर्ड किया जा रहा है। प्रोटेम स्पीकर महताब ने कहा ‘ मैंने पहले भी कहा है की कृपया शपथ और प्रतिज्ञान के अलावा कुछ भी कहने से बचे। केवल इसका रिकॉर्ड किया जाना है , इसका पालन किया जाना है। ”

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