UP Election: UP उपचुनाव में 5 सीटों पर कांग्रेस और सपा में टकरार, जाने किसको कितनी सीटें मिली
UP Election: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के नतीजे आने के बाद सपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के नेता गठबंधन की गांठ को अटूट बता रहे थे और दोनों ही पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) तक एक दूसरे के साथ चलने का दावा कर रहे थे. लेकिन चुनाव नतीजे आए अभी छह महीने भी नहीं हुए हैं कि इस गठबंधन में गांठ पड़ती हुयी नजर रही है.
लोकसभा चुनाव में नौ विधायकों के सांसद चुने जाने और एक विधायक को अयोग्य ठहराए जाने से खाली हुई यूपी की 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं और दोनों ही पार्टी हर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटे हुए हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) एक-एक विधानसभा क्षेत्र के नेताओं के साथ बैठकें कर चुनावी रणनीति पर मंथन कर रहे हैं. तो वहीं, कांग्रेस ने भी हर सीट पर प्रभारियों और पर्यवेक्षकों की टीम को रणनीति के लिए दिशा निर्देश दिया है. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या दोनों राजनितिक पार्टियां फिर से एकला चलो की राह अपनाएंगी ?
ये सीटें पार्टियों के लिए बनी बड़ी चुनौती
यूपी की 10 खाली सीटों पर उपचुनाव होने हैं और कांग्रेस ने पांच सीटों पर दावेदारी कर दी थी. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इन 10 में से पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हाशिल की थी. लेकिन कांग्रेस अब चाहती है कि सपा ने जिन सीटों से जीती हाशिल की थी. उन सीटों को अपने पास रख ले लेकिन बाकी सीटें जहां उसे हार का सामना करना पड़ा था.
सपा कांग्रेस को दो से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं थी. कांग्रेस की डिमांड पहले से घटकर अब चार सीट पर आ गई और अब पार्टी तीन सीटों पर मीरापुर,मझवां और फूलपुर को अपने लिए उपयोगी बता रही है. इस चुनाव में कांग्रेस की दावेदारी पांच सीटों से घटकर चार और अब तीन सीटों तक आती दिख रही है लेकिन सपा है जो कि इतने पर भी खुश नहीं है. सपा UP की सभी सीटों पर अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का साफ संकेत दे रही है.
आखिर गठबंधन से सपा क्यों है नाराज़ ?
कांग्रेस से गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी के रवैये में नाराज़गी के पीछे वजह क्या हैं? राजनितिक गलियारों में बात इसे लेकर भी हो रही है. दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन आगे बढ़ाने, लंबे समय तक साथ चलने को तैयार थे लेकिन इसके लिए उनका अपना रणनीति भी था. कांग्रेस से गठबंधन को लेकर सपा की नाराजगी के कारणों को कुछ पॉइंट में समझा जा सकता है. पहला अखिलेश का नेशनल ड्रीम.दूसरा सियासी जमीन की चिंता.तीसरा 2027 का यूपी चुनाव और हालिया उपचुनाव नतीजे. इन चारों पॉइंट को सपा के नाराजगी का वजह माना जा रहा है.