BSP: तिरुपति प्रसाद मामले पर भड़की मायावती, यूपी सरकार पर साधा निशाना
BSP: बसपा सुप्रीमो मायावती(Mayawati) ने रेस्तरां, होटल, ढाबों आदि पर मालिक या मैनेजर के नाम लिखवाने के आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) पर जमकर निशाना साधा है. मायावती ने सीएम योगी के इस फैसले को ध्यान बांटने की चुनावी रणनीति बताया है. साथ ही मायावती ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर(Tirupati Temple) के प्रसाद में मिलावट वाले ख़बर को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया है.आइए जानते हैं कि मायवती ने इस मामले को लेकर और क्या कुछ कहा है.
प्रसाद में मिलावट को लेकर बोलीं मायावती
बहुजन समाजवादी पार्टी(BSP) की प्रमुख मायावती ने तिरुपति मन्दिर में प्रसाद में मिलावट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. मायावती ने कहा कि तिरुपति मंदिर में ’प्रसादम’ के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश के लोगों को काफी दुखी और हैरान किया है. और इस मामले पर नेता राजनीती कर रहें है ये बहुत ही दुःखद है कई राजनितिक पार्टियां धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से भी ऐसे घृणित खिलवाड़ करने लगी हैं इस का असली दोषी कौन है ? यह सभी के लिए चिन्तन का विषय है.
पूरा मामला क्या है
पिछले दिनों कावड़ यात्रा के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक फरमान जारी किया था जिसमे कहा गया था की कावड़ यात्रा वाले रास्ते पर हर दुकानदार को अपने दुकान के आगे अपना नेमप्लेट लगाना अनिवार्य होगा. CM योगी के इस फरमान के बाद उनकी खूब आलोचना हुई थी साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ को फटकार लगया था उसके बावजूद भी CM योगी ने खुले मंचों से कई बार मुसलमानों को लेकर नफरती बयान दिया है. जिसे लेकर अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने CM योगी पर जोरदार हमला किया है.
ये सब चुनावी राजनीती है
मायावती ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ द्वारा रेस्तरां, होटल ढाबों आदि में मालिक का नाम, पता के साथ ही कैमरा लगाना आदेश दिया गया है मायावती ने कहा कि कावंड़ यात्रा के समय कार्रवाई की तरह ही सीएम योगी का ये फैसला भी काफी चर्चा में है. उन्होंने ने कहा कि यह सब सुरक्षा के लिए कम और लोगों का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है.
दुकानों पर नाम लिखवा देने से क्या होगा?
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वैसे तो खासकर खाने वाले पदार्थों में मिलावट को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून मौजूद है. फिर भी सरकार की लापरवाही और मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ फैला हुआ है. लेकिन अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने से क्या मिलावट का कालाधंधा बंद हो जाएगा?